पारदेश्वर महादेव मंदीर, औरंगाबाद
पारद शिवलिंग 111 किलो पारद से बना है और इसे 151 किलो गंधक की वेदी में भी स्थापित किया गया है। मंदिर की अवधारणा: मंदिर का निर्माण नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर से किया गया है।
शिवलिंग को 111 KG पारद (पारा) के साथ विकसित किया गया है और इसे ठोस गंधक के रूप में 151 KG Be (वेदी) में स्थापित किया गया है। पारद और सल्फर एक शक्ति और ऊर्जा के विशाल संसाधन के रूप में कार्य करता है।
पारद शिवलिंग की पूजा करने से दुखों, दुखों का निवारण होता है और सुखी आयु, धन और शांति की प्राप्ति होती है।
पारदेश्वर मंदिर का दिव्य अस्तित्व श्री आनंद शास्त्रीजी (मिश्रजी) द्वारा निरंतर प्रयास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण है। श्री आनंद शास्त्री जी ने अपने आध्यात्मिक जीवन का अधिकांश समय गुरु श्री रामनाथजी मिश्रा के रहस्यपूर्ण मार्गदर्शन में हलाला के लिए समर्पित किया।
श्री रामनाथजी का समर्थन और परमहंस श्री गिरी महाराज के आशीर्वाद के साथ, श्री आनंद शास्त्री जी का जीवन चंचलता और अनुष्ठान की एक सुंदर रचना रही है। श्री आनंद शास्त्री जी ने अपने भक्तों को हमेशा अंधविश्वासी तत्वों के बारे में अपने अनपेय उपदेशों से प्रेरित किया है और वेदों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। जीवन का उनका आदर्श वाक्य "स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति हमारा उद्देश्य है"।
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